
अलिंद विकम्पन से पीडि़त मरीजों को स्ट्रोक से बचाव
एक दिल की बिमारी है जिसे एट्रीयल फ़िल्बेरतीयों कहते हैंI इस बीमारी से दिल की धरकन में नुक़्स आ जाता है । ख़ून जम जाने के कारण उसका एक टुकड़ा टूट कर दिमाग़ पर जा सकता है।
अलिंद विकम्पन से पीडि़त मरीजों को स्ट्रोक से बचाव
एक दिल की बिमारी है जिसे एट्रीयल फ़िल्बेरतीयों कहते हैंI इस बीमारी से दिल की धरकन में नुक़्स आ जाता है । ख़ून जम जाने के कारण उसका एक टुकड़ा टूट कर दिमाग़ पर जा सकता है।
जिसको एट्रीयल फ़िल्बेरतीयों होता है उसका लक़वे का ख़तरा पाँच गुणा बढ़ जाता है , उसके लिए हम एक दवाई देते हैं जिसका नाम वरफ़र्नि हैं । इसको खाने से मरीज़ को हर महीने ख़ून की जाँच करवानी पढ़ती हैं और हरी सब्ज़ियों का भी परहेज़ लेना पढ़ता हैं । आपको शयन रखना परेगा की आप दवाई वक़्त से लें क्योंकि अगर ख़ून गाढ़ा हो गया तो लकवे का ख़तरा बढ़ सकता है और ज़्यादा पतला होने पर बह भी सकता है ।
अगर आपको एट्रीयल फिबेरतीयों है तो तीन नई दवाइयाँ आइ हैं जो वरफ़र्नि से अच्छी हैं , उसमें से एक गोली दिन में एक बार खानी है और दो गोलियाँ दिन में दो बार खनी है । अगर आप को एट्रीयल फ़िल्बेरतीयों और आपको लक़वे का ख़तरा हैं , तो आप अपने फ़ैमिली डॉक्टर से बात कीजिये तो वो आपको बताएँगे की आपके लिए कौनसी दवाई सही रहेगी ।
Presenter: Dr. Milan Gupta, Cardiologist, Brampton, ON
Local Practitioners: Cardiologist
Dr. Milan Gupta, MD, FRCP, हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा अलिंद विकम्पन से पीडि़त मरीजों को स्ट्रोक से बचाव के बारे में सलाह।